कारगिल के मास्‍टरमाइंड परवेज मुशर्रफ की वजह से पाकिस्‍तान पर भारत करने वाला था परमाणु हमला, आज गुमनामी में हो गया निधन

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Punjab Junction Weekly Newspaper / 5 February 2023

इस्‍लामबाद: पाकिस्‍तान के तानाशाह रहे और पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद दुबई में निधन हो गया। मुशर्रफ 79 साल के थे और पिछले काफी सालों से पाकिस्‍तान से बाहर रह रहे थे। मुशर्रफ वह शख्‍स थे जिनकी वजह से साल 1999 में भारत और प‍ाकिस्‍तान कारगिल की जंग में आमने सामने थे। मुशर्रफ उस समय पाकिस्‍तान आर्मी के चीफ थे और करीब एक साल से जंग की तैयारी में लगे हुए थे। कारगिल वह युद्ध था जिसकी वजह से पाकिस्‍तान पर परमाणु हमले का खतरा बढ़ गया था। अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति बिल क्लिंटन के करीबी और सीआईए के पूर्व अधिकारी ब्रूस रीडिल ने दावा किया था कि अगर अमेरिका बीच में नहीं आता और पाकिस्‍तान को ना समझाता तो भारत परमाणु हमला कर देता।

मुशर्रफ का एक आदेश और आतंकियों दाखिल
मुशर्रफ कारगिल की जंग के मास्‍टरमाइंड थे। मार्च 1999 से मई 1999 तक उन्‍होंने आतंकियों को कारगिल में घुसपैठ का आदेश दिया। पाकिस्‍तान की नॉर्दन लाइट इनफेंट्री ने कारगिल की कई चौंकियों पर कब्‍जा कर लिया था। ढाई महीने तक दोनों देशों की सेनाएं जंग कर रही थी। पाकिस्‍तानी सैनिकों और आतंकियों ने जबरन भारतीय चौकियों पर कब्‍जा कर लिया था। ऊंचाई पर लड़ी जा रहा युद्ध रोज नई चुनौतियां लेकर आता। इस युद्ध ने अमेरिका का रुख भारत के लिए बदलकर रख दिया और पाकिस्‍तान को जमकर घुड़की दी। पांच जुलाई 1999 का दिन अमेरिका को भी कभी नहीं भुलता है।

पाकिस्‍तान से भारत था नाराज
जंग के समय बिल क्लिंटन अमेरिका के राष्‍ट्रपति थे। ब्रुस रीडिल ने इस वाकये का ए‍क जिक्र वॉशिंगटन पोस्‍ट के आर्टिकल में किया था। रीडिल ने लिखा था कि भारत के तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी काफी नाराज थे। वाजपेयी लगातार मांग कर रहे थे कि पाकिस्‍तान को अपनी सेनाओं को पीछे करना पड़ेगा। वाजपेयी की जिद के आगे तत्‍कालीन नाक पीएम नवाज ने हार मानी। रीडिल के मुताबिक भारत पूरी तरह से तैयार था कि वह पाकिस्‍तान पर परमाणु हमला कर देगा।

क्लिंटन ने दी वॉर्निंग
4 जुलाई 1999 को नवाज ने क्लिंटन से मुलाकात की। इसी मीटिंग में क्लिंटन ने नवाज को बताया कि वाजपेयी काफी नाराज हैं। क्लिंटन ने बताया कि वाजपेयी ने उनसे कहा है कि उन्‍हें मालूम है कि परमाणु हमले में भारत का भी 50 फीसदी हिस्‍सा खत्‍म हो जाएगा लेकिन पाकिस्‍तान का भी नामोनिशान मिट जाएगा। नवाज इस बात से काफी नाराज हुए। तीन जुलाई को शरीफ ने क्लिंटन से कहा कि वह मदद के लिए तुरंत वॉशिंगटन पहुंच रहे हैं। क्लिंटन ने भी उन्‍हें चेतावनी देते हुए कहा था कि वह तभी अमेरिका आएं तब सेनाओं की वापसी का फैसला लेने को तैयार हों।

एक-दूसरे पर दोष
क्लिंटन ने 4 जुलाई को शरीफ से बातचीत शुरू की और उन्‍हें शिकागो ट्रिब्‍यून का एक कार्टून पकड़ाया। इस कार्टून में पाकिस्‍तान और भारत को आपस में परमाणु बम से लड़ते हुए दिखाया गया था। अमेरिका और अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय के दबाव में पाकिस्‍तान को झुकना पड़ा। नवाज शरीफ को मजबूर होना पड़ा कि वह अपनी सेनाओं को वापस बुलाएं। 1999 में मुशर्रफ का प्‍लेन पाकिस्‍तान में लैंड करने ही वाला था कि नवाज ने उन्‍हें आर्मी चीफ के पद से हटा दिया। मुशर्रफ इस जंग के लिए नवाज को दोष देते रहे और नवाज इसे मुशर्रफ के दिमाग की खुराफात बताते रहे।

Chief Editor- Jasdeep Singh  (National Award Winner)