हर साल आते हैं और पिटकर चले जाते हैं…तवांग में चीन की हिमाकत पर पूर्व आर्मी चीफ नरवणे बोले- निचले स्तर पर गिर चुकी है PLA

Punjab Junction Weekly Newspaper / 14 December 2022

नई दिल्ली : गलवान घाटी में हिंसक झड़प के करीब ढाई साल बाद चीन ने अब एलएसी के ईस्टर्न सेक्टर में भी उसी तरह की हिमाकत की है। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को चीन के सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुस आए लेकिन इंडियन आर्मी ने न सिर्फ उन्हें रोका बल्कि खदेड़ते हुए वापस लौटने को मजबूर कर दिया। एलएसी पर चीन इस तरह की हरकतें अक्सर करता रहता है। पूर्व आर्मी चीफ जनरल एम. एम. नरवणे ने कहा है कि चीन हर साल इस तरह की दो-तीन कोशिशें करता है और हर बार उन्हें शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी एक तरफ तो 21वीं सदी की आधुनिक सेना होने का दावा करती है लेकिन दूसरी तरफ वह हुड़दंग के स्तर तक गिर चुकी है। ये हास्यास्पद है।

‘वे हर साल इस तरह की 2-3 कोशिशें करते हैं, हर बार शर्मिंगदी झेलते हैं’

न्यूज एजेंसी एएनआई के पॉडकास्ट में पूर्व आर्मी चीफ नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना चीन की किसी भी हिमाकत के लिए हमेशा तैयार है। उनसे पूछा गया कि 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में चीन ने जिस तरह एलएसी की स्थिति में एकतरफा बदलाव की कोशिश की क्या ये 2020 (गलवान घाटी की हिंसक झड़प) की तरह ही था? इसके जवाब में पूर्व आर्मी चीफ ने कहा, ‘यह सिर्फ 2020 की बात नहीं है। वे (चीनी सेना) हर साल ऐसी कोशिश करते हैं। हर साल वे हमारे क्षेत्र में आने की इस तरह की 2-3 कोशिशें करते हैं और हर बार उन्हें शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है।’

 

‘भारत ने दुनिया को दिखाया कैसे पड़ोसी की धौंस का देते हैं जवाब’

जनरल नरवणे ने कहा कि चीन की सेना इस हद तक गिर चुकी है कि हुड़दंग और स्ट्रीट फाइटिंग कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया, ‘क्या चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी हुड़दंग करने और गली-मोहल्लों में होने वाली लड़ाईयों की तरह झड़प करने के हद तक गिर चुकी है? या वह 21वीं सदी की पेशेवर सेना है? एक तरफ तो वे तकनीकी ताकत का प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं और दूसरी तरफ वे कील लगे डंडों के साथ आ रहे हैं। ये हास्यास्पद है। भारत वह देश है जिसने दुनिया को दिखाया है कि पड़ोसी की धौंस का जवाब देना मुमकिन है। मैं पूरे विश्वास के साथ समूचे देश को कह सकता हूं कि हम हमेशा तैयार हैं, हम पर जो भी फेंका जाएगा उसका जवाब देने को हम तैयार हैं।’ पूरे पॉडकास्ट का प्रसारण शाम 7 बजे होगा।

तवांग के यांग्त्से में चीनी सैनिकों ने की थी हिमाकत
दरअसल, तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में चीन की सेना पीएलए ने 9 दिसंबर की रात को घुसपैठ की थी। उसने वहां तारबंदी और कुछ निर्माण की कोशिश की। भारतीय सेना ने उनका विरोध किया और उनके निर्माण को तोड़ दिया। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं में झड़प हो गई जिसमें एक दूसरे से हाथापाई के साथ-साथ लाठी, डंडे वगैरह से हमले हुए। चीनी सेना संख्या में अधिक थे लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। जल्द ही मौके पर और भी भारतीय सैनिक आ गए और चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया। इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिक जख्मी हुए हैं।

सोशल मीडिया पर चीन के सैनिकों की कुटाई के वीडियो हो रहे वायरल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय जांबाजों की पिटाई से चीन के कुछ सैनिकों की हालत तो ऐसी हो गई कि वे अपने पैरों पर चल नहीं पा रहे थे। उन्हें उनके साथी कंधों पर लादकर वापस भागे। भारत की तरफ से कोई भी सैनिक गंभीर रूप से जख्मी नहीं हुआ है। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हुए हैं जिनमें भारतीय सैनिक तबीयत से चीनी सैनिकों की कुटाई करते दिख रहे हैं। हालांकि, वे वीडियो कब के हैं, ये स्पष्ट नहीं है लेकिन जिस तरह भारतीय सैनिक भी कटीले तार लगे डंडों का इस्तेमाल कर रहे हैं उससे लग रहा है कि ये वीडियो 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद के हैं।

  • Chief Editor- Jasdeep Singh  (National Award Winner)