Punjab Junction Weekly Newspaper / 02 OCTUBER 2024
सोनीपत: हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में राहुल गांधी हरियाणा में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। वहीं राहुल रोड शो भी कर रहे हैं। मंगलवार को राहुल गांधी सोनीपत में थे। यहां पर वो गरीब परिवार के घर गए, जहां उन्होंने चूल्हे पर बने देसी खाना खाया। इसके बाद वे गोहाना पहुंचे और मंच पर राहुल गांधी ने मातूराम हलवाई की जलेबी का स्वाद चखा। दीपेंद्र हुड्डा ने राहुल गांधी को अपने हाथों ये जलेबी खिलाई। राहुल इन जलेबियों के फैन हो गए। उन्हें इसका स्वाद इतना पसंद आया कि उन्होंने एक डिब्बा अपनी बहन प्रियंका गांधी के लिए पैक करवा लिया। उन्होंने अपनी रैली में भी इस जलेबी का जिक्र किया। बता दें कि लाला मातूराम की जलेबी कोई सामान्य जलेबी नहीं है, इनका आकार सामान्य जलेबी से ज्यादा बड़ा है। आइए जानते हैं इस जलेबी में क्या खास है और इसे बनाने वाले कौन हैं…
हरियाणा के मातूराम हलवाई ने इजाद की ये जलेबी
पेशे से किसान मातूराम हलवाई ने इस जलेबी को इजाद किया था। मातूराम मूल रूप से गोहाना के लाठ जोली गांव के निवासी थे। लाला मातूराम लाठ साल 1955 में जोली गांव से गोहाना आ गए। साल 1955 में ही लाला मातूराम ने पुरानी मंडी में लकड़ी का खोखा तैयार किया और उसमें जलेबी बनाने की काम शुरू कर दिया।
250 ग्राम की एक जलेबी, ऊपर से करारी, अंदर से नरम
मातूराम की जलेबी ऊपर से तो करारी होती है, मगर अंदर से नरम है। ये जलेबी देसी घी में बनाई जाती है। जलेबी में किसी भी तरह का कोई रंग और रसायन नहीं डाला जाता। ग्राहकों को ताजा जलेबी दी जाती है। मिलावट नहीं होने की वजह से ये जलेबी 10 से 12 दिन के बाद भी खराब नहीं होती और ना ही इसके स्वाद में कमी आती है।
Chief Editor- Jasdeep Singh (National Award Winner)