सेमीकंडक्टर पर इतना बड़ा दांव क्यों खेल रहा है भारत, जानिए क्या है सरकार की योजना

Punjab Junction Newspaper | 02 FEBRUARY 2022

नई दिल्ली: भारत वर्ल्ड क्लास सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन फैसिलिटी बनाने जा रहा है। भारत की योजना शुरुआत में एक मेगा सेमीकंडक्टर क्लस्टर बनाने की है। यह ताइवान के हिंशु या सिंगापुर के वुडलैंड वेफर फैब पार्क की तरह हो सकता है।

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय में संयुक्त सचिव सौरभ गौर ने पिछले हफ्ते सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की संस्था के साथ एक बातचीत में यह जानकारी दी थी। एक साल पहले उद्योग जगत में बहुत से लोगों का मानना था कि भारत को न्यू एज फेब्रिकेशन के लिए जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है। इस पर भारत को चार-पांच अरब डॉलर खर्च करने पड़ सकते हैं।

इससे पहले सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन फैसिलिटी बनाने की एक कोशिश विफल हो चुकी है। इस समय दुनिया भर में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन कारोबार में पर्याप्त उत्पादन क्षमता मौजूद है।

ताइवान पर निर्भरता

पिछले कुछ दिनों में इस बारे में काफी बदलाव आए हैं। सिर्फ चिप की किल्लत ही नहीं हुई है बल्कि दुनिया के अधिकतर देश अब अपना सेमीकंडक्टर कैपेबिलिटी बनाने पर ध्यान दे रहे हैं। इसकी वजह यह है कि आज चिप डिजिटल वर्ल्ड के फाउंडेशन की तरह यूज किया जा रहा है। दुनिया भर में डिजिटल प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां ताइवान पर बहुत अधिक निर्भर हो चुकी हैं। बोस्टन कंसलटिंग का अनुमान है कि दुनिया में सबसे एडवांस सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी के मामले में ताइवान की हिस्सेदारी 92 फ़ीसदी तक है।

सेमी
इंसेंटिव का मिलेगा फायदा
मोदी सरकार ने भारत को सैनिक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के लिए प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव (PLI) स्कीम शुरू की है। इसके बाद दुनिया की बड़ी कंपनियां भारत में कामकाज करना चाहती हैं। भारत सरकार की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की नीति से पहले एक प्रमुख ग्लोबल एक्सपर्ट ने कहा था कि अगर उद्योग जगत $1 खर्च करता है तो सरकार को उसका आधा जरूर खर्च करना चाहिए, तभी कंपनियां यहां निवेश के लिए उत्साहित होंगी। भारत सरकार की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में उद्योग जगत के खर्च के बराबर ही भारत सरकार भी खर्च कर रही है। दुनिया के कई देशों ने सेमीकंडक्टर बनाने के लिए इंसेंटिव की शुरुआत की है, लेकिन भारत में कंपनियों को शानदार मौके नजर आ रहे हैं

                                                                 …………..…………Chief Editor Jasdeep Singh