Punjab Junction Weekly Newspaper / 01 September 2024
कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और फिर हत्या की घटना ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बैकफुट पर ला दिया है। आरजी कर में दरिंदगी और उसके बाद की घटनाओं को लेकर गैर राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों में बढ़ोतरी ने ममता बनर्जी के सामने राज्य में नई चुनौतियां खड़ी कर दी है। जिन्होंने 2021 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों में महिला मतदाताओं के बीच अपनी लोकप्रियता का लाभ उठाकर राज्य में दो बड़े चुनावी प्रदर्शन किए थे।
क्यों बढ़ी टीएमसी की मुश्किल?
अभी तक राज्य में ममता बनर्जी की राज्य की महिलाओं पर मजबूत पकड़ रही है। यह पहला मौका है जब ममता बनर्जी को महिलाओं के मुद्दे पर घिरना पड़ा है। इसकी वजह राज्य की राजधानी में हो रहे विरोध प्रदर्शन है। जिसमें छात्र, डॉक्टर, राजनीतिक दल, आम नागरिक और यहां तक कि कलाकार और खिलाड़ी भी पीजी प्रशिक्षु डॉक्टर को इंसाफ देने की मांग के साथ लगभग हर रोज सड़कों पर उतर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी आक्रोश बढ़ रहा है। जहां विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस प्रशासन पर अपना हमला तेज कर रहे हैं। वहीं कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार की खिंचाई की।
ममता बनर्जी पड़ी थीं नरम
ममता बनर्जी की सरकार कहती रही है कि स्थानीय पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में तेज़ी दिखाई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 14 अगस्त को मेडिकल कॉलेज में हुई तोड़फोड़ के लिए माकपा और भाजपा को भी दोषी ठहराया था। इसके बाद उन्होंने प्रदर्शनकारी मेडिकल छात्रों को शांत करने की भी कोशिश की थी, लेकिन उनके इस बयान को कि उन्होंने प्रदर्शन पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसे जूनियर डॉक्टरों ने एक छिपी हुई धमकी के रूप में देखा था। इसके बाद उन्हें अपना रुख स्पष्ट करना पड़ा कि वे छात्रों के साथ खड़ी हैं।
Chief Editor- Jasdeep Singh (National Award Winner)