अपर्णा को शुभकामनाएं… परिवार में टूट पर बोले अखिलेश- नेताजी ने समझाया

Punjab Junction Newspaper | 19 January 2022

लखनऊ
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने छोटे भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव का टिकट काटे जाने और फिर उनके बीजेपी में शामिल होने पर कहा कि अभी तो बहुत सी सीटों पर प्रत्याशी तय ही नहीं हुए हैं। अखिलेश ने दावा किया कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने अपर्णा को मनाया लेकिन वो नहीं मानीं। उनके उन्होंने आजमगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की और सवाल पर सीधा जवाब देने से कन्नी काट गए।

नेताजी ने अपर्णा को समझाया, लेकिन…

क्या नेताजी का आशीर्वाद अपर्णा के साथ होगा? इस सवाल पर अखिलेश ने कहा, ‘नेताजी ने बहुत कोशिश की समझाने की।’ उन्होंने अपर्णा के बीजेपी में शामिल होने को समाजवादी विचारधारा का विस्तार बताया। अखिलेश बोले, ‘हमें खुशी इस बात की है कि समाजवादी विचारधारा का विस्तार हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि हमारी विचारधारा वहां भी पहुंचेगी तो संविधान और लोकतंत्र को बचाने का काम होगा।’ अपर्णा का टिकट काटे जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, ‘टिकट अभी पूरे नहीं बंटे हैं। टिकट किसे मिलना है और किसे नहीं मिलेगा, यह क्षेत्र और जनता पर निर्भर करता है और हमारी इंटर्नल सर्वे रिपोर्ट पर भी निर्भर करता है।’

आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की अटकलों पर क्या बोले अखिलेश
अखिलेश ने आजमगढ़ से विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अटकलों पर कहा, ‘आजमगढ़ की जनता से अनुमति लेकर ही चुनाव लड़ूंगा, अगर चुनाव लड़ता हूं। उनसे अनुमति इसलिए लेनी पड़ेगी क्योंकि वहां के लोगों ने मुझे जिताया है।’ ध्यान रहे कि अखिलेश आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र से ही अभी लोकसभा सांसद हैं।

चाचा शिवपाल के सवाल पर अखिलेश ने ली चुटकी
एक पत्रकार ने जब उनसे कहा कि बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत बाजपेयी का कहना है कि शिवपाल यादव उनके संपर्क में हैं। इस पर अखिलेश ने चुटकी लेते हुए कहा कि वो (बाजपेयी) भी बता दें कि वो खुद किसी के टच में हैं। ध्यान रहे कि शिवपाल यादव अखिलेश के चाचा हैं जिन्होंने अलग पार्टी बना ली है। हालांकि, इस चुनाव में उनका समाजवादी पार्टी से गठबंधन हो गया है। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी अगर कहती है कि उनके परिवार या सपा के अन्य नेता उसके टच में है तो उसके भी कई नेता हमारे टच मे हैं, वो तो मैंने ही तीन दिन पहले मना कर दिया कि अब बीजेपी से किसी को सपा में नहीं लेंगे।

सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद समाजवादी पेंशन योजना को बहाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली बार की सरकार में समाजवादी पेंशन योजना के तहत गरीब परिवारों को सालाना 6 हजार रुपये मिलते थे, इस बार सरकार बनने पर यह रकम दो गुना बढ़ाकर सालाना 18 हजार रुपये किया जाएगा। अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘पिछली बार यूपी की समाजवादी पार्टी की सरकार ने समाजवादी पेंशन योजना चल रही थी। उससे 50 लाख परिवारों को मदद मिल रही थी। बीपीएल परिवार को प्रति वर्ष 18,000 रुपये किया जाएगा। साल में छह हजार रुपये मिलते थे।’

Kairana Election News : नाहिद हसन की गिरफ्तारी के बाद बहन को मिल सकता है सपा का टिकट, जानें कौन हैं 28 वर्षीय इकरा हसन
  • -

    इकरा हसन कैराना से सांसद रहे मरहूम मुन्नवर हसन की बेटी और दो बार विधायक रहे नाहिद हसन की बहन हैं। 28 वर्षीय इकरा हसन ने लंदन से पढ़ाई की है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद लंदन का रुख किया और वहां इंटरनैशनल लॉ की पढ़ाई की है। इकरा ने दिल्ली के श्रीराम लेडी कॉलेज से कानून की पढ़ाई की थी। हाल ही में वो कैराना लौटी हैं और अभी भाई नाहिद हसन के लिए प्रचार में तन-मन से जुटी हैं।

  • -

    इकरा दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के कारण चर्चा में आई थीं। एक प्लेकार्ड लिए लंदन उच्चायोग के सामने खड़ी इकरा की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। तब नाहिद हसन ने इस बात की पुष्टि की थी कि तस्वीर में दिख रही लड़की उनकी बहन इकरा ही है। उन्होंने कहा कि इकरा ने सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया है। इकरा ने सीएए के खिलाफ हिंसक विरोध करने वाले दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के छात्रों के समर्थन में लंदन उच्चायोग के सामने प्लेकार्ड लेकर खड़ी हुई थीं। प्लेकार्ड में लिखा था, ‘जामिया और एएमयू के छात्रों के समर्थन में… सीएए, एनआरसी और अराजकता को खारिज करो।’

  • इकरा का खानदान लंबे समय से राजनीति में है। उनके दादा अख्तर हसन ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को लोकसभा चुनाव में दो लाख मतों के अंतर से हराकर सांसद बने थे। उनके बाद उनके पुत्र यानी इकरा के पिता मुनव्वर हसन कैराना ही नहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बडे़ मशहूर हुए थे। वो लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधानपरिषद, चारों सदनों के सदस्य रहे। दिसंबर 2008 में एक शादी समारोह से लौटते वक्त सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी।

  • करा की मां तबस्सुम हसन अपने पति मुनव्वर की मौत के बाद सांसद बनीं। फिर उनके बेटे नाहिद दो बार कैराना से विधायक बने। खुद इकरा 2015 से ही पंचायत चुनाव लड़ती आ रही हैं। उस वर्ष जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में इकरा हसन ने वार्ड 14 से चुनाव लड़ा था जबकि उनकी मां और पूर्व सांसद तबस्सुम हसन वार्ड 10 से जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं। नाहिद और इकरा सगे भाई-बहन हैं। नाहिद पर 17 मुकदमे दर्ज हैं। उन्हें गैंगस्टर एक्ट के एक केस में तब गिरफ्तार कर लिया गया जब वो विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन करवाकर लौट रहे थे।

  • इकरा और नाहिद हसन के परदादा बुन्दू और वर्तमान में कैराना सीट से बीजेपी की उम्मीदवार मृगांका सिंह के पिता हुकुम सिंह भाई हैं। दरअसल, 120 साल पहले कैराना का प्रभावी जाट परिवार का एक हिस्सा इस्लाम कबूल कर लिया था। एक ही परिवार जब हिंदू-मुस्लिम, दो परिवारों में बंट गया तो दोनों की राजनीति भी दो ध्रुवीय हो गई। नाहिद और इकरा के परिवार को जहां इलाके के मुसलमानों का प्रतिनिधि माना जाता है, वहीं मृगांका का परिवार हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करता है। पिछले कुछ दशकों से इन्हीं दोनों का परिवार इलाके की राजनीति पर राज कर रहा है। मृगांका के पिता चौधरी हुकुम सिंह बीजेपी के टिकट पर 2014 में कैराना से सांसद चुने गए थे।

    अखिलेश ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाकर किए वादे
    अखिलेश ने 2012 से 2017 की अपनी सरकार की कई उपलब्धियों का बखान किया और कुछ वाकये याद किए। उन्होंने कहा कि बनारस में मुशहर जाति के परिवारों की दुर्दशा का पता चला तो उन्हें समाजवादी लोहिया आवास से जोड़कर महिलाओं को समाजवादी पेंशन योजना का लाभ दिया। इसी तरह, देवगढ़ गया तो जनजाति परिवारों से मिला। तब पता चला कि वो टीन या पॉलिथीन की झोपड़ी में रह रहे हैं। उसी वक्त डीएम को पूरे गांव को लोहिया आवास योजना से जोड़ने का आदेश दिया और कुछ दिनों पहले जब ललितपुर गया तो पता चला कि उस समय पूरे गांव को लोहिया आवास योजना से जोड़ा गया था और समाजवादी पेंशन योजना का भी लाभ दिया गया था।

स्नैक चार्मर्स विलेज बनाने का आश्वासन
अखिलेश ने बताया, ‘लखनऊ में पीजीआई के पास संपेरे रहते थे। आवास विकास माध्यम से उनकी जगह ले ली गई थी और उन्हें कोई मदद नहीं मिली थी। समाजवादी सरकार बनी थी तो लोहिया विकास और समाजवादी पेंशन योजना से उन्हें जोड़ने का काम शुरू हुआ था। हमने एक्सप्रेसवे के किनारे स्नैक चार्मर्स विलेज (संपेरा गांव) बनाया जाएगा। इस बार सपा सरकार बनेगी तो संपेरा गांव बनाया जाएगा।’

                                                                 …………..…………Chief Editor Jasdeep Singh