विज्ञापन में आइसक्रीम खा रही थी महिला, देखकर भड़क गए ईरान के कट्टरपंथी, महिलाओं की ऐड शूटिंग पर बैन

Punjab Junction Weekly Newspaper / 08 August 2022

तेहरान : ईरान में एक विज्ञापन को लेकर नाराजगी जताई जा रही है। इसमें एक महिला आइसक्रीम खाते नजर आ रही है। विवाद इतना बढ़ चुका है कि ईरान ने महिलाओं के विज्ञापन में काम करने पर बैन लगा दिया है। ईरान की मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर एंड इस्लामिक गाइडेंस ने देश के सख्त ‘शुद्धता कानून’ का हवाला देते हुए यह प्रतिबंध लगाया है। हिजाब पहनकर चॉकलेट आइसक्रीम खाती महिला का विज्ञापन टीवी पर आते ही देश के कट्टरपंथी इस्लामिक नेता नाराज हो गए।

विज्ञापन देखकर भड़के कुछ कट्टरपंथियों ने अधिकारियों से आइसक्रीम निर्माताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील की है। मिरर ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। ईरानी मंत्रालय की ओर से जारी एक पत्र के अनुसार, मौलवियों ने कहा कि यह विज्ञापन ‘सार्वजनिक सभ्यता’ के खिलाफ है और ‘महिलाओं के मूल्यों’ का ‘अपमान’ करता है। ईरान के कला और सिनेमा स्कूलों को भेजे गए पत्र में मंत्रालय ने प्रतिबंध के लिए ‘हिजाब और शुद्धता नियमों’ का हवाला दिया है, जो महिलाओं के किसी भी तरह के विज्ञापन में काम करने से रोकता है।

संगीत वाद्ययंत्रों के इस्तेमाल पर बैन
पत्र में कथित तौर पर कहा गया है कि प्रतिबंध सुप्रीम काउंसिल ऑफ द कल्चर रेवॉल्यूशन के फैसलों का पालन करता है। नया आदेश कमर्शियल विज्ञापनों से संबंधित देश में लंबे समय से लागू नियमों पर भी जोर देता है जिसमें कथित तौर पर न केवल महिलाओं बल्कि बच्चों और पुरुषों के ‘म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स के इस्तेमाल’ पर भी बैन शामिल है। यह प्रतिबंध ऐसे समय में लगाया गया है जब ईरानी महिलाओं ने इस्लामिक रिपब्लिक की ओर से सड़कों पर हिजाब प्रवर्तन दल की गश्त के खिलाफ सोशल मीडिया कैंपेन की शुरुआत की है।

ईरान में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन
साल 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया था। ईरान के राष्‍ट्रपति इब्राहिम रईसी एक मौलाना हैं और उन्हें देश के हर रूढ़‍िवादी वर्ग का समर्थन हासिल है। फिलहाल उन्‍हें देश के युवाओं का गुस्‍सा झेलना पड़ रहा है। देश के युवा, हिजाब कानून को ‘इस्‍लामिक समाज में नैतिक भ्रष्‍टाचार को सुनियोजित तरीके से आगे बढ़ाने का जरिया’ बता रहे हैं। ईरान में अधिकारी ऐसे लोगों को पकड़ रहे हैं जो विरोध प्रदर्शनों का मन बना चुके हैं।

Chief Editor- Jasdeep Singh (National Award Winner)