मोदी सरकार 3.0 क्‍या दबाव में कर रही है काम? लोकसभा सीटों का ज‍िक्र कर सीतारमण ने दिया ये जवाब

Punjab Junction Weekly Newspaper / 08 OCTUBER 2024

नई दिल्‍ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के आर्थिक फैसलों पर खुलकर बात की है। उन्‍होंने साफ किया है कि सरकार किसी भी तरह के दबाव में काम नहीं कर रही है। सीतारमण ने कहा कि यह सच है कि बीजेपी को लोकसभा चुनाव में कम सीटें मिलीं। लेकिन, इसका मतलब ये नहीं कि सरकार दबाव में है। उन्होंने सरकार के तेज फैसलों का उदाहरण देते हुए कहा कि जून में सरकार बनने के बाद से 15 लाख करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है।

सीतारमण ने उच्च पदों पर सीधी भर्ती की योजना वापस लेने के फैसले को भी सही ठहराया। उन्होंने बताया कि यह फैसला ‘गठबंधन की मजबूरियों’ के कारण नहीं बल्कि ‘लेट्रल एंट्री’ में सुधार के लिए लिया गया है।

मंत्री ने साफ किया कि वह गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का समर्थन करती हैं। उन्होंने कहा, ‘हम गरीबों को गरीबी से बाहर निकलने में मदद से इनकार नहीं कर सकते।’

सेबी मामले पर भी बोलीं वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वैश्विक स्तर का काम करने और प्रणाली में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए देश के वित्तीय क्षेत्र के नियामकों की सराहना की।

सीतारमण ने कहा कि वह नियामकों पर सवाल उठाने या उनकी आलोचना करने के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन, उनके योगदान को भी ध्यान में रखने की जरूरत है।

वित्त मंत्री ने यहां ‘फाइनेंशियल एक्सप्रेस बेस्ट बैंक अवार्ड्स’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में लोगों से बाजार नियामक सेबी मामले में टिप्पणी करने से पहले तथ्यों पर गौर करने को कहा।सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर हितों के टकराव को लेकर आरोप लगे हैं। हालांकि, उन्होंने उन आरोपों को आधारहीन करार दिया है।

यह पूछे जाने पर क्या देश में नियामकों के लिए एक निगरानी व्यवस्था की आवश्यकता है या फिर नियामकों में संचालन ढांचा बेहतर है, उन्होंने कहा, ‘‘मैं साफ तौर पर कहूं तो नियामकों के मामले में किसी भी चीज पर चर्चा करने से पहले तथ्यों को ध्यान में रखने की जरूरत है।’

सीतारमण ने कहा कि बाजार, बैंक और बीमा समेत विभिन्न क्षेत्रों में हुए सुधार के आधार पर विभिन्न देशों के नियामकों की इस पर नजर है। भारतीय नियामक जिस तरह से काम कर रहे हैं, उससे वास्तव में प्रणाली में अधिक पारदर्शिता आई है।

Chief Editor- Jasdeep Singh  (National Award Winner)