जम्मू-कश्मीर में त्रिशंकु विधानसभा? नई सरकार के गठन में 5 नामित विधायक निभाएंगे अहम भूमिका, समझिए कैसे

Punjab Junction Weekly Newspaper / 07 OCTUBER 2024

जम्मू : अधिकांश एग्जिट पोल ने जम्मू-कश्मीर में त्रिशंकु सदन का संकेत दिए हैं। इसलिए अब सभी की निगाहें उन पांच सदस्यों पर टिकी हैं, जिन्हें उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मनोनीत करेंगे। महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें सदन की पहली बैठक से पहले मनोनीत किया जाएगा और वे निर्वाचित सदस्यों की तरह ही बहुमत के परीक्षण में मतदान कर सकते हैं।

मनोनयन से सदन की संख्या 95 हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा 48 हो जाएगा। एग्जिट पोल के अनुसार, किसी भी दावेदार के अपने दम पर इस आंकड़े तक पहुंचने की संभावना नहीं है।

बीजेपी की मदद करेंगे एलजी!

यह देखते हुए कि एलजी केंद्र से मनोनीत व्यक्ति है, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस को डर सताने लगा है। कहा जा रहा है कि विभाजित जनादेश की स्थिति में भाजपा की मदद करने के लिए एलजी प्रावधान का उपयोग कर सकते हैं। एनसी और कांग्रेस ने दावा किया है कि एलजी केवल मुख्यमंत्री की सहायता और सलाह पर ही शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं।

कांग्रेस और एनसी ने साधा निशाना

कांग्रेस और एनसी के इस दावे को बीजेपी ने विवादित बताया है। बीजेपी ने कहा कि कानून में इस बारे में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि नामांकन एलजी का विशेषाधिकार है। इस नामांकन प्रक्रिया का उल्लेख जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 15 में किया गया है, जिसे 26 जुलाई, 2023 को संशोधित किया गया था।

पुडुचेरी विधानसभा की तर्ज पर लागू

जम्मू-कश्मीर विधानसभा पुडुचेरी विधानसभा की तर्ज पर बनाई गई है, जहां तीन मनोनीत सदस्य निर्वाचित विधायकों के बराबर काम करते हैं और उन्हें वोट देने का अधिकार होता है। पूर्व पुडुचेरी एलजी किरण बेदी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार से परामर्श किए बिना यूटी विधानसभा में दो सदस्यों को मनोनीत करने के फैसले को मद्रास हाई कोर्ट और बाद में 2017-2018 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी नहीं बदल सकता फैसला?

पुडुचेरी सरकार ने तर्क दिया कि एलजी को विधायकों को मनोनीत करने से पहले सीएम से परामर्श करना चाहिए था, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे बरकरार रखा और इसमें कोई अवैधता नहीं पाई। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के उपाध्यक्ष रविंदर शर्मा ने कहा, ‘हम सरकार गठन से पहले एलजी के पांच विधायकों के मनोनयन का विरोध करते हैं।’

रविंदर शर्मा ने कहा कि ऐसा कोई भी कदम लोकतंत्र, लोगों के जनादेश और संविधान के मूल सिद्धांतों पर हमला है। हालांकि, भाजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने कहा, ‘इन सदस्यों को नियमों के अनुसार नामित किया जाएगा। एलजी के पास उन्हें नामित करने का विवेकाधिकार है और वह नियमों के अनुसार ऐसा करेंगे।’

Chief Editor- Jasdeep Singh  (National Award Winner)